Variable in C Programming पूरी जानकारी हिन्दी में
इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि variable in c programming क्या होता है। ये variable किस तरह से work करते हैं और variable हम क्यों बनाते है। उसके अंदर वैल्यू को किस तरह से स्टोर किया जाता है। इन सभी प्रश्नों को हम अपने इस आर्टिकल में solve करने का प्रयास करेंगे।
Variable क्या होता है?
Variable एक storage एरिया का नाम है जो हमारा प्रोग्राम वैल्यू को स्टोर करने के लिए करता है। Variable एक storage location है जिसके अंदर हम वैल्यू को स्टोर करते हैं और अपने प्रोग्राम की जरूरत के हिसाब से उसको change करते रहते हैं।
A variable is a name given to a storage area that our program can be use to store values.
Variable in c programming कैसे बनाए?
हमारा जो कंप्युटर होता है उसके अंदर एक HDD या SSD होती है । जिसके अंदर हमारा डाटा store होता है।
मान लीजिए हमें एक वैल्यू( 5 ) को स्टोर करवानी है। हमारी कंप्युटर की मेमोरी में छोटे छोटे blocks बने होते है। उन blocks में हमारा data टुकड़े टुकड़े होकर store होता है। जब भी हमें उस डाटा की जरूरत होती है तो वो blocks से निकलकर इकट्ठा हो जाता है और हमें हमारा डाटा मिल जाता है।
अब हमें वैल्यू ( 5 ) को स्टोर करनी है, तो हमें हमारे प्रोग्राम में उसको एक नाम दे देंगे। यानि उस लोकैशन को जहां हमारी वैल्यू store हो रही है। जैसे हमने res=5;
res को हमने एक variable बनाकर उसका नाम दे दिया और उसमें 5 वैल्यू को asign कर दिया। अब ये स्टोर तो हमारी कंप्युटर की मेमोरी में हो रही है परंतु उस particular लोकैशन को जो नाम हमें मिला है वो है res यानि हमारा variable।
किसी भी particular location यानि memory location address का नाम बना देना जिसको हम अपने प्रोग्राम में refer कर सकें, उसको variable कहते हैं। Varriable को हम खुद एक नाम देते है।
Variable एक user defined data होता है । इसमें Indefier के rules को follow करके एक नाम देना होता है।
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Varriable Declaretion
अब हम आपको बताएगे कि variable को declare कैसे करेगें। हम अपने complier को कैसे बतायेगें कि ये हमारा variable है। इसका भी एक syntax होता है यानि इनको भी लिखने का एक तरीका और rules होते हैं।
A variable declaration tells the complier where and how much storage to create for the variable.
Variable declaration हमारे complier को बताता है कि कहाँ और कितना storage हमने अपने variable को बनाते समय लिया है। इसमें हम variable का नाम और डाटा types बताते हैं कि इसमें हमने कौन कौन सी वैल्यू स्टोर हो सकती है। ये काम हमें variable को use करने से पहले करना होता है।
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हम प्रोग्राम लिखते हैं तो हमें पता होता है कि हमें अपने प्रोग्राम में 2 नंबर का sum करवाना है। इसके लिए हमें 2 नंबर already चाहिए और तीसरा हमें एक और वेरीअबल चाहिए जिसके अंदर इनकी वैल्यू स्टोर हो सके। इसका मतलब ये हुआ कि हमें 3 वेरीअबल चाहिए।इसलिए हम पहले ही complier को बता देंगे कि हम 3 वेरीअबल का इस्तेमाल करेंगे।
जैसे हमें बनाने हैं 3 वेरीअबल a b c , जिसमें integer वैल्यू है तो हम सिर्फ एक बार ही int का प्रयोग करेंगे।
Example :- int A, B, C ;
Variable definition
void main( ) {
int num1, num2, result;
num1= 2;
num2= 3;
result = num1+num2;
printf (“%d”; result);
}
अब हमने complier को बता दिया है कि हमारा ये- ये वेरीअबल है। अब definition उसका इस्तेमाल करेगा यानि उसके अंदर कोई वैल्यू स्टोर करेगा, जैसे a = 43; । इसमें sign (=) हमारे वेरीअबल a के अंदर 43 को save कर रहा है।
Variable in C programing के इस आर्टिकल में हमने वेरीअबल के बारे में जाना। मुझे उम्मीद है कि आपको अच्छी तरह से समझ आ गया होगा। C language सीखने में बहुत ही आसान है। अगर आप रोज अभ्यास करोगे तो बहुत जल्दी आप इसमें मास्टर बन जाओगे।